नोएडा में शार्ट सर्किट के कारण एसी फटने से एक फ्लैट में लगी आग!आईए जानते हैं क्यों होता है ब्लास्ट? क्या करें कि न हो एसी में ब्लास्ट!

नोएडा में शार्ट सर्किट के कारण एसी फटने से एक फ्लैट में लगी आग!आईए जानते हैं क्यों होता है ब्लास्ट? क्या करें कि न हो एसी में ब्लास्ट!

आधे घंटे के अंदर सोसायटी के गार्डों और मेंटेनेंस कंपनी की कर्मचारियों ने सोसायटी के फायर उपकरणों की मदद से आग पर काबू पाया। आग लगने से आसपास के फ्लैटों को सुरक्षा की दृष्टि से खाली कराया गया। गनीमत रही कि आग से कोई जनहानि नहीं हुई।

मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर के रूप में कार्यरत जशनीत सिंह सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसायटी के टावर नंबर-1004 में अपनी पत्नी और आठ साल के पुत्र के साथ रहते हैं।

गुरुवार सुबह जैसे ही स्प्लिट एसी को चालू किया उसमें ब्लास्ट हो गया।
एसी के ब्लास्ट के बाद निकली चिंगारी ने कमरे में रखी लकड़ी की मेज, बेड, किताब को अपनी चपेट में ले लिया।देखते देखते आग ने बहुत विकराल रूप ले लिया। आग के अन्य फ्लैट्स तक पहुंचने की आशंका को देखते हुए फ्लैट में रहने वाले अन्य लोगों ने अपने घरों को खाली कराना शुरू कर दिया।

इसी प्रकार एक अन्य घटना
बरेली की है वहां भी शार्ट सर्किट के बाद एसी का कंप्रेशर फट गया। भीषण गर्मी में लगातार चल रहे एसी के तार जलने से यह दुर्घटना हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि रेलवे जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में तार की लपटों ने छत पर फाइबर शीट को भी चपेट में ले लिया।

इससे आग तेजी से धधकते हुए एसी की आउटडोर यूनिट तक पहुंची और तेज धमाकों के साथ कंप्रेशर फट गया। आधा घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। रेलवे स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि तारों में किसी कारणवश आग लग गई, धीरे धीरे यह आग कंप्रेशर तक पहुंच गई थी। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया,इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ।

आईए जानते हैं क्यों होता है ब्लास्ट?

विद्युत वोल्टेज फ्लक्चुएशन के साथ वोल्टेज कम होने पर कंप्रेशर पर अधिक दबाव पड़ता है। जिससे कंप्रेशर के साथ- साथ अन्य उपकरण पर भी अधिक दबाव पड़ने लगता है जिससे यह जरूरत से अधिक गर्म हो जाते हैं, इस प्रकार आग लगने की संभावना बढ़ती है। एसी के कंडेंसर व इसके बाहर हवा निकलने वाले स्थान पर अवरोध होने पर एसी की गर्म हवा बाहर नहीं निकल पाती है। इससे ब्लास्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।

आपकी एसी चाहे विंडो हो या फिर स्प्लिट हो, उससे 60 से 70 डिग्री सेल्सियस गर्मी आउटडोर यूनिट से बाहर निकलती है। उसी अनुपात में वह कूलिंग करता है। धूल जमा होने की स्थिति में गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और धीरे- धीरे कूलिंग भी कम होने लगती है। इस तरह से एसी के अंदर प्रेशर बनता है और आग लगने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में एसी का लगातार प्रयोग करने से कंप्रेसर में ब्लास्ट होने की संभावना बढ़ जाती है।

ब्लास्ट होने के प्रमुख कारण!

1.लगातार एसी का चलते रहना।

2.वोल्टेज का कम रहना वा लगातार उतार-चढ़ाव होना।

3.गलत गैस का इस्तेमाल।

4.एसी से बाहर निकलने वाली हवा के मार्ग में अवरोध।

5.निर्धारित समय पर सर्विस नही कराना।

क्या करें कि न हो एसी में ब्लास्ट!

इन बातों का रखें ध्यान जिससे एसी में कभी भी ब्लास्ट नही होगा।

1.खराब गुणवत्ता वाले केबल और प्लग का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें।

2.एसी के अंदर कंडेंसर पर गंदगी ,धूल की परत जमा ना होने दें।

3.इस बात का ध्यान रहे कि गलत गैस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

4.समय समय पर टेक्नीशियन से चेक करवाते रहें किसी भी छोटी मरम्मत को करवाते रहें।

5.समय पर सर्विस कराएं।

एसी की उम्र बढ़ाने के लिए ये करें उपाय!

ये करने से टल जाएगा खतरा, बढ़ेगी एसी की उम्र!

1.भीषण गर्मी में सावधानी से करेंगे प्रयोग तो नहीं फटेगा एसी

2.अधिक लोड लेने वाले उपकरणों को एक साथ न चलाएं।

3.एसी चलाने के दौरान वाशिंग मशीन व इंडक्शन चलाने से बचें।

4.मिनी सर्किट ब्रेकर एमसीबी का प्रयोग करें।

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