Early Childhood Care and Education (E.C.C.E.): ई सी सी ई शाला पूर्व शिक्षा व्यवस्था, आईए जानते हैं NEP 2020 में प्री प्राइमरी की शैक्षिक संरचना एवं बाल विकास की कार्यान्वयन मॉड्यूल ‘पहल’ और 52 सप्ताह की शैक्षिक गतिविधियों के बारे में!

Early Childhood Care and Education (E.C.C.E.): ई सी सी ई शाला पूर्व शिक्षा व्यवस्था, आईए जानते हैं NEP 2020 में प्री प्राइमरी की शैक्षिक संरचना एवं बाल विकास की कार्यान्वयन मॉड्यूल ‘पहल’ और 52 सप्ताह की शैक्षिक गतिविधियों के बारे में!

Early Childhood Care and Education (E.C.C.E.): बच्चों के लिए राष्ट्रीय नीति (1974) में ईसीसीई ने ध्यान आकर्षित किया है, जिसके परिणामस्वरूप बच्चे के समग्र और एकीकृत विकास की नींव रखने और क्षमताओं के निर्माण के उद्देश्य से 2 Oct,1975 में एक पायलट आधार पर एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS- आईसीडीएस) शुरू की गई थी।बच्चों के जीवन के प्रथम 6 वर्ष उनके विकास हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि 90% मस्तिष्क का विकास इसी समय हो जाता है।

अतः गुणवत्तापूर्ण देखभाल और शाला-पूर्व-शिक्षा उनके जीवन के प्रारंभिक वर्षों में अत्यंत ही आवश्यक है। बच्चों को प्रारंभिक बाल्यावस्था में दी गई गुणवत्तापूर्ण देखभाल और शाला पूर्व शिक्षा का सकारात्मक प्रभाव दीर्घकालीन होता है एवं उसका असर उनके जीवन में प्राप्त होने वाली सफलताओं पर पड़ता है। इस सकारात्मक प्रभाव के लिए उनके जीवन के प्रारंभिक अनुभव बहुत ही मूल्यवान होते हैं, क्योंकि इन्हीं अनुभवों से उनके विचार, व्यवहार, संवेगों और स्मृतियों का निर्माण होता है।

यदि इस समय बच्चों को एक प्रेरणाप्रद और अर्थवान, भौतिक और मनोसामाजिक वातावरण न मिले, तो उनके पूर्ण विकास में काफी हद तक कमी आ सकती है। इसलिए बच्चों के विकास हेतु आवश्यक देखभाल और शाला पूर्व शिक्षा को महत्व देते हुए, आई. सी.डी. एस. के तहत, आंगनवाड़ी केंद्रों में अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ई.सी.सी.ई.) की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। एक आंगनवाड़ी में मिलने वाली सर्वोत्तम ई.सी.सी.ई. का कार्यक्रम, बच्चों को जन्म से लेकर विद्यालय में दाखिला होने तक (6 वर्ष) सहायता करता है।

शुद्ध पौष्टिक खाना, स्वच्छ वातावरण, दुर्घटना से सुरक्षा, प्यार एवं आदर (केंद्र और घर पर) और बड़े-बुजुर्गों के साथ बातचीत, 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की वृद्धि, बौद्धिक एवं सर्वागीण विकास के लिए आवश्यक है।3-6 वर्ष के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्र में इन कारकों के अतिरिक्त शाला-पूर्व-शिक्षा के लाभ प्राप्त करने की सुविधा मिलती है।

यह देखा गया कि जो बच्चे विद्यालय में प्रवेश होने से पहले एक अच्छी शाला-पूर्व-शिक्षा योजना का लाभ प्राप्त करते हैं, वे प्राथमिक विद्यालय में सहजता से सामंजस्य बैठा लेते हैं और अच्छी प्रगति करके दिखाते हैं। लेकिन हमें याद यह रखना है कि यहां शाला-पूर्व-शिक्षा का अर्थ, 3 वर्ष की उम्र से ही वर्ण परिचय या गिनती सीखना नहीं, बल्कि इस समय खेल-खेल में बच्चों को अपनी जिज्ञासा और कल्पना-शक्ति से रचना करने, स्वयं सीखने और पूर्व-लेखन, पूर्व-पढ़ने और पूर्व-संख्या के कौशल को बढ़ाने का अवसर देना है।

Early Childhood Care and Education (E.C.C.E.): एक गुणवत्तापूर्ण शाला-पूर्व-शिक्षा का उद्देश्य होता है- बच्चों का समय पर विकास एवं सारे विकास के क्षेत्रों शारीरिक, बौद्धिक, भाषा, सामाजिक, भावनात्मक, एवं रचनात्मक विकास-समन्वयता से प्रगति सुनिश्चित करना।आपको बता दें कि इस संदर्भ में, उत्तर प्रदेश के एस.सी.ई.आर.टी द्वारा राष्ट्रीय ई.सी.सी. ई नीति, 2013 एवं राष्ट्रीय ई. सी.सी.ई करिक्यूलम फ्रेमवर्क, 2014 के मानकों को ध्यान में रखते हुए, राज्य ई.सी.सी.ई. पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।

उक्त विकसित पाठ्चक्रम पर आधारित, आई.सी.डी.एस. उ.प्र. द्वारा यह ई.सी.सी.ई. मैन्युअल बनाई गई है, जिसके माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों पर कार्यकत्रियों द्वारा संचालित किए जाने वाले ई.सी.सी.ई. गतिविधियों हेतु मार्गदर्शन दिए गए हैं।

52 सप्ताह की शैक्षिक गतिविधियों का कैलेंडर जारी

Early Childhood Care and Education (E.C.C.E.): ECCE में बच्चे 52 सप्ताह अर्थात पूरे शैक्षिक सत्र में अब निर्धारित गतिविधि कैलेंडर के अनुसार करेंगे। इसके संदर्भ में सरकार द्वारा एक समन्वय स्थापित करते हुए, अब आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राइमरी स्कूलों में आपस में , सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करते हुए 3-6 वर्ष के बच्चों को शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवम नोडल शिक्षक द्वारा शिक्षण कार्य किया जाएगा।

52 सप्ताह को कुल 5 यूनिट में बांटा गया है , प्रत्येक दिन शिक्षण कार्य को 5 चक्रों में करना है। 52 सप्ताहों को 9 थीमों पर आधारित निश्चित सप्ताहों में गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य किया जाएगा। प्रत्येक यूनिट की खत्म होने के बाद पुनरावृत्ति किया जाएगा।

विवरण निम्नवत है:-

यूनिट -1

थीम – यूनिट 1.1. मैं और मेरा परिवार , सप्ताह (1-4)

2. पेड़- पौधे सप्ताह (5-8)

पुनरावृत्ति (9-10)

यूनिट -2

3. फल एवं सब्जियाँ सप्ताह (11-14)

4. पशु-पक्षीं

सप्ताह (15-18)

पुनरावृत्ति सप्ताह (19-20)

यूनिट -3

5. हमारे मददगार, सप्ताह (21-24)

6.यातायात के साधन , सप्ताह (25-28)

पुनरावृत्ति(29-30)

यूनिट -4

7. त्यौहार एवं पर्व, सप्ताह (31-34)

8. मौसम , सप्ताह (35-38)

पुनरावृत्ति (39.40)

यूनिट-5

9. पानी, सप्ताह (41-44)

पुनरावृत्ति (45-52)

प्रत्येक दिन -चक -⑤ में विभाजित करके गतिविधि कैलेंडर आधारित शिक्षण कार्य किया जाएगा।

पुस्तक सूची –

1.पहल – आंगनवाडी (ECCE) मैनुअल आंगनबाड़ी कार्यकत्री

2. चहक – दो भागों में

3. परिकलन – दो भागों में

4. कलांकुर कला पुस्तिका बालवाटिका (3-6) वर्ष के बच्चों के लिए इसके अलावा भी कई शैक्षिक गतिविधियों से संबंधित पुस्तकें भी उपलब्ध हैं

1. गतिविधि पुस्तिका 3-4 वर्ष

2.गतिविधि पुस्तिका 4-5 वर्ष

3.गतिविधि पुस्तिका 5-6 वर्ष

फुल फॉर्म

1. CBE – Community Based Events (सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम)

2. VHSND- Village Health Sanitation and Nutrition Day.

3. ECCE – अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन

प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा चुनौतियाँ

Early Childhood Care and Education (E.C.C.E.): ईसीसीई को लागू करने के लिए, स्कूल को निम्नलिखित कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है:- आंगनबाड़ियों, निजी नर्सरी और पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों में अच्छी तरह से प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी; आंगनवाड़ियों में अपर्याप्त शैक्षिक संसाधन और बुनियादी ढाँचा।

विशेष प्रशिक्षण और समर्पण वाले प्रारंभिक बचपन के शिक्षकों की कमी।अधिकांश निजी प्रीस्कूल खेल-आधारित शिक्षा के बजाय रटने पर जोर देते हैं।अब प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के अवसर हैं क्योंकि इन कमियों और कठिनाइयों का पता चल गया है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहली ऐसी नीति है जिसके लिए स्कूलों को 2030 तक ईसीसीई अपनाने की आवश्यकता है ताकि यह गारंटी दी जा सके कि ग्रेड 1 में प्रवेश करने वाला प्रत्येक बच्चा स्कूल के लिए तैयार है।

ECCE की शिक्षण विधियां:-

संख्याएँ,

अक्षर और गिनती

बोली

रंग और आकार

समस्या को सुलझाना

इनडोर और आउटडोर खेल

शिल्प,

नाटक और कठपुतली

पहेलियाँ और तार्किक सोच

संगीत और आंदोलन

ड्राइंग, पेंटिंग और अन्य कला सामग्री

संक्षेप में

ईसीसीई बच्चे के विकास में एक महत्वपूर्ण चरण है, जो उनकी भविष्य की शिक्षा और सफलता की नींव रखता है। एक साथ काम करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि सभी बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाले ईसीसीई कार्यक्रमों तक पहुंच प्राप्त हो, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए आवश्यक हैं, जिससे वे स्कूल और उसके बाहर सफलता की राह पर आगे बढ़ सकें।

NEP 2020 ईसीसीई के महत्व को पहचानता है और सभी बच्चों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले ईसीसीई कार्यक्रमों तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करता है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकारों, समुदायों, माता-पिता और देखभाल करने वालों सहित सभी क्षेत्रों और हितधारकों के ठोस प्रयास की आवश्यकता होगी।

एक मार्गदर्शक नीति के रूप में एनईपी 2020 के साथ, हम भारत के बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य बना सकते हैं, जहां प्रत्येक बच्चे को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।

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