Gaganyaan Mission Astronauts: कौन हैं गगनयान मिशन के चारों एस्ट्रोनॉट, पीएम मोदी ने नाम को किया उजागर!जानिए इनके बारे में…

Gaganyaan Mission Astronauts: कौन हैं गगनयान मिशन के चारों एस्ट्रोनॉट, पीएम मोदी ने नाम को किया उजागर!जानिए इनके बारे में…

PM Narendra Modi ने Gaganyaan Mission के चारों एस्ट्रोनॉट्स के नाम को दुनिया के सामने पेश किया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर बीएससी में पीएम नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन से जुड़े सभी चारों एस्ट्रोनॉट्स को दुनिया के सामने पेश किया यह सभी एस्ट्रोनॉट भारतीय वायु सेवा के टेस्ट पायलट के रूप में कार्यरत हैं।

इन चारों पायलट ने वायु सेवा के लगभग सभी जेट्स उड़े हुए हैं उनके पास काफी लंबा अनुभव है।
इन सभी का नाम इस प्रकार है ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला।

आइए जानते हैं कि कौन,कहां से हैं,क्या सीखा है कौन से फाइटर जेट/ विमानों को उड़ाने का अनुभव है। साथ ही इनके बारे में बहुत कुछ।

गगनयान मिशन के चारों एस्ट्रोनॉट्स में जो सबसे पहला नाम सामने आया है उनका नाम प्रशांत बालकृष्णन नायर है

आईए जानते हैं प्रशांत बालकृष्ण नायर के बारे में।

प्रशांत बालकृष्णन नायर का जन्म 26 अगस्त 1976 को केरल राज्य के थिरुवाझियाड में जन्म हुआ था। इन्होंने अपनी ट्रेनिंग एनडीए अकैडमी से पूरी किया एयर फोर्स अकैडमी से स्वोर्ड आफ ऑनर का सम्मान प्राप्त कर चुके हैं और इनको 19 दिसंबर 1998 में इन्हें वायु सेना के फाइटर जेट प्रोग्राम में फाइटर पायलट के तौर पर शामिल किया गया था और यह CAT-A के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट भी है।

इनको करीब 3000 घंटे से ज्यादा जेट उड़ाने का अनुभव प्राप्त है यह इन्होंने MiG 21, MiG 29, सुखोई 30mki, N 32 और डोर्नियर और जैसे खतरनाक विमान उड़ाने का अनुभव है यह यूनाइटेड स्टेट्स आफ कॉलेज वेलिंगटन और तंबरम के FIS के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं साथ ही यह सुखोई 30 स्क्वाड्रन के कमांडेंट भी रहे हैं।

गगनयान मिशन के चारों एस्ट्रोनॉट्स में दूसरा नाम अजीत कृष्णन का है आईए जानते हैं अजीत कृष्णन के बारे में।

अजीत कृष्णन का 19 अप्रैल 1982 को तमिलनाडु के चेन्नई में जन्म हुआ़ था। अजीत ने भी एनडीए के जरिए सेना की ट्रेनिंग पूरी की है। इनको राष्ट्रपति से गोल्ड मेडल और वायुसेना एकेडमी से स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त हो चुका है।

भारतीय वायुसेना में 21 जून 2003 को उन्हें फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया गया था इनके पास फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट के रूप में 2900 घंटे का अनुभव है। अजीत ने Su-30MKI, MiG-21, Bison, Mig-19,जगुआर, डॉर्नियर, एन-32 जैसे विमान उड़ाए हैं। ये भी वेलिंग्टन स्थित DSSC के पूर्व छात्र रहे हैं।

गगनयान मिशन के चारों एस्ट्रोनॉट्स में तीसरा नाम अंगद प्रताप का है आईए जानते हैं अंगद प्रताप के बारे में।

अंगद प्रताप का जन्म 17 जुलाई 1982 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ़ है। अंगद प्रताप की मिलिट्री ट्रेनिंग एनडीए में हुई है। उन्हें वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में 18 दिसंबर 2004 को शामिल किया गया। इनके पास फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट का करीब 2000 घंटे का अनुभव है। अंगद ने सुखोई-30mki, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एन-32 जैसे विमान और फाइटर जेट्स उड़ाए हैं।

गगनयान मिशन के चारों एस्ट्रोनॉट्स में चौथा नाम शुभांशु शुक्ला का है आईए जानते हैं शुभांशु शुक्ला के बारे में।

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में हुआ़ था शुभांशु की मिलिट्री ट्रेनिंग एनडीए में हुई है। वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में उन्हें 17 जून 2006 में शामिल किया गया। ये एक फाइटर कॉम्बैट लीडर के साथ ही टेस्ट पायलट के तौर पर भी उनके पास 2000 घंटे के उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30mki, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एन-32 जैसे विमान और फाइटर जेट्स उड़ाए हैं।

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