Jatayu Vulture Arrivals in Ayodhya Dham news 2023:अद्भुत संयोग है जटायु गिद्धों का अयोध्या धाम आना,जानिए गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन हेतु भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयास !

Jatayu Vulture Arrivals in Ayodhya Dham news 2023:अद्भुत संयोग है जटायु गिद्धों का अयोध्या धाम आना,जानिए गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन हेतु भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयास !

अयोध्या धाम में राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है 22 जनवरी 2024 को भगवान राम अपने भवन में विराजमान होंगे।महापर्व प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त विलुप्त गिद्धराज जटायु के अयोध्या धाम पधारने पर लोगों मे कौतूहल है।

साक्षात त्रेता युग से बिछड़े जटायु अब भगवान राम के आगमन पर अयोध्या धाम पधार चुके हैं। इसे चमत्कार कहे अथवा संयोग..जैसे-जैसे 22 जनवरी की बेला समीप आती जायेगी, हम अनेकों संयोग और चमत्कार के साक्षी बनेगे ।

आपको जानकारी दे दूं कि अयोध्या जिले के मिल्कीपुर क्षेत्र में खरौली नामक गांव में लगभग दो दर्जन से अधिक जटायु गिद्धों का जमावड़ा होना शुरू हो गया है आपको बताते हैं कि 1990 के बाद भारत में जटायु गिद्धों की संख्या में बहुत तेजी से गिरावट देखी गई थी या यह कहें कि लगभग विलुप्ति के कगार पर पहुंच गए।

अद्भुत संयोग है जटायु गिद्धों का अयोध्या धाम आना

यह महज संयोग है अथवा भगवान राम की कृपा है। ऐसा प्रतीत होता है कि साक्षात भगवान राम ने उन्हें अपने भवन के गृहप्रवेश कार्यक्रम में आमंत्रण भेजा हो लेकिन खुशी की बात है चाहे जो हो जटायु गिद्धों को एक बार पुनः देखना अत्यंत प्रसन्नता का विषय है। जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम में मौके पर पहुंच गई है और उनके रहने और खाने के प्रबंध में लग गई हैं।

आपको बता दें कि जटायु गिद्धों की मृत्यु डेक्लोफेनेक इंजेक्शन लगाए जाने के कारण मृत जानवरों के मांस खाने की वजह से हो गई थी जिनके मृत्यु के कारणों का पता जब तक लगा तब तक गिद्ध विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए। लेकिन एक बार फिर भगवान राम के विराजमान होने से पहले जटायु गिद्धों का दर्शन देना भारत ही नहीं पूरे पर्यावरण के लिए खुशी की बात है।

गिद्ध संरक्षण (Vulture Conservation) एवं प्रजनन हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं

गिद्ध संरक्षण प्रोजेक्ट (Vulture Conservation Project):1990 के दशक में जनसंख्या में गिरावट देखी गई और तब से गिद्धों की आबादी को पुनः प्राप्त करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में जयति संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना की जा चुकी है और 1.5 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह विश्व का पहला जटायु एशियाई किंग गिद्ध संरक्षण Vulture Conservation केंद्र है। रेड-हेडेड वल्चर (सरकोजिप्स कैल्वस), जिसे एशियाई किंग गिद्ध के रूप में भी जाना जाता है। मुख्य रूप से उत्तरी भारत में स्थानीय रूप से पाई जाती है।

जटायु संरक्षण केंद्र मुख्यतः गिद्धों के संरक्षण के लिए स्थापित किया गया है। जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र महाराजगंज का कार्य समाप्त हो चुका है।

गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन हेतु भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयास

भारत में गिद्ध संरक्षण (Vulture Conservation) हेतु महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है जिसका उद्देश्य देश में गिद्धों की घटती आबादी की रक्षा करना और उसे पुनर्जीवित करना है।इसके अतिरिक्त दाऊ लाल बोहरा राजस्थान में गिद्धों के संरक्षण के लिए शोध कार्य में लगे हुए हैं।

जटायु और गौरैया संरक्षण प्रजनन केंद्र, भारतीय गिद्धों और घरेलू गौरैयों के प्रजनन और संरक्षण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी सुविधा है। यह भारत के हरियाणा राज्य के पिंजौर शहर में बीर शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य के भीतर स्थित है।

भारतीय गिद्ध एक पुरानी दुनिया का गिद्ध है जो भारत, पाकिस्तान और नेपाल का मूल निवासी है। जनसंख्या में भारी गिरावट के कारण 2002 से इसे IUCN लाल सूची में गंभीर रूप से संकटग्रस्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

हम आशा करते हैं कि इस लेख से आपको “Jatayu Vulture Arrivals in Ayodhya Dham news 2023:अद्भुत संयोग है जटायु गिद्धों का अयोध्या धाम आना,जानिए गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन हेतु भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयास !” के बारे में जानकारी मिल गई होगी, इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी जटायु गिद्धों के अयोध्या धाम आगमन के बारे में जानकारी हो सके। ऐसे ही और कहानियों को पढ़ने के लिए हमारे पेज पर जरूर जाएं।

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