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Shikshamitra Mandey News Updates 2023:शिक्षामित्र के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी, 12 माह का बढ़ाकर मानदेय देने की सरकार कर रही है तैयारी!

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Shikshamitra Mandey News Updates 2023:शिक्षामित्र के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी, 12 माह का बढ़ाकर मानदेय देने की सरकार कर रही है तैयारी

 

बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षामित्र का होगा समाधान सरकार की तरफ से शिक्षामित्र को अब 11 महीने से बढ़ाकर 12 माह का मानदेय देने की तैयारी की जा रही है इसके संदर्भ में बेसिक शिक्षा निदेशक ने बैठक बुलाई है इस बैठक में इनके मानदेय बढ़ाने को लेकर चर्चा होनी है यह बैठक बेसिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉक्टर महेंद्र देव ने बुलाई है इस बैठक में बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव शासन भी शामिल होंगे इसके बाद शिक्षामित्र के मानदेय को बढ़ाने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा।

आपको बता दें कि अभी उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षामित्र को मात्र ₹10000 प्रति माह दिया जाता है इसी वेतन मानदेय में ही उनको सब कुछ करना होता है।

 

आगामी 20 दिसंबर को बैठक प्रस्तावित 

 

आपको बता दें कि इस संदर्भ में शासन की बैठक का आयोजन 20 दिसंबर को किया जाएगा इस बात की जानकारी उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने दी है

शासन स्तर पर कमेटी गठित कर वार्ता के माध्यम से समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया गया था जिसके क्रम में बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा अस्वस्थ किया गया है कि 20 दिसंबर के बाद प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा की उपस्थिति में संगठन के पदाधिकारी को बुलाकर शासन स्तर पर विचार विमर्श किया जाएगा। इसके पश्चात शिक्षामित्र की समस्त समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

 

पिछले 7 साल से नहीं बढ़ा मानदेय

 

बेसिक शिक्षा में कार्य शिक्षामित्र का मंडे पिछले 7 वर्षों से मंडे में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है आज भी उन्हें 10000 ही मिल रहा है अभी कुछ समय पूर्व विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के सवाल पर उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री श्री संदीप सिंह ने भी शिक्षामित्र मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

वही आपको बता दें कि इस बारे में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश महामंत्री कौशल कुमार सिंह कहते हैं कि यदि शासन द्वारा जल्दी शिक्षामित्र की समस्याओं पर विचार कर समाधान नहीं किया गया तो प्रदेश के 1.48 लाख शिक्षामित्र जनवरी 2024 में अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर लखनऊ में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

ऐसे में देखना यह है की विभाग की आलाधिकारियों और सरकार द्वारा शिक्षामित्र की समस्याओं के संदर्भ में कितना ध्यान दिया जाता है और समस्याओं को लेकर कितनी संजीदगी है।

सहानुभूति के आधार पर शिक्षामित्रों के हित में फ़ैसले ले सरकार 

वास्तव में देखा जाए तो शिक्षामित्र के साथ अन्याय हो रहा है शिक्षामित्र एक ऐसा वर्ग,जो पिछले 22 सालों से अपने जीवन का अमूल्य समय बेसिक शिक्षा विभाग के बच्चों के भविष्य को संवारने में लगा दिया खुद उसी का भविष्य और परिवार अंधकार में पड़ गया।

जब से सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्र के समायोजन रद्द होने के बाद उनके जीवन में घोर निराशा साफ देखी जा सकती है जिसके परिणाम स्वरूप आज प्रदेश के लगभग 1500 से 1600 शिक्षामित्र आत्महत्या भी कर चुके हैं।

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इस बाबत आपको जानकारी दे दूं कि बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारी, बेसिक शिक्षा मंत्री और अन्य संबंधित लोग शिक्षामित्रों की समस्याओं पर बोलने को राजी नहीं है लेकिन हाल ही धरना प्रदर्शन करने के बाद होने वाली वार्ताओं ने थोड़ा बहुत शिक्षामित्र में आज जगायी है वैसे देखा जाए तो इतने कम मानदेय पर परिवार चलाना मुश्किल होता है

ऐसे में सरकार को शिक्षामित्र के संदर्भ में सहानुभूतिक फैसले लेने होंगे जिससे शिक्षामित्रों का अवशेष जीवन और सुचारू रूप से चल सके।

डिसक्लेमर:

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