Uttar Pradesh News:उत्तर प्रदेश सरकार ने आवासीय एवं व्यवसायिक नक्शा पास करने की नियमावली में किया बड़ा बदलाव, तय समय सीमा में जमा करनी होगी फीस!

Uttar Pradesh News:उत्तर प्रदेश सरकार ने आवासीय एवं व्यवसायिक नक्शा पास करने की नियमावली में किया बड़ा बदलाव, तय समय सीमा में फीस जमा करनी होगी ! आप अगर अपने नए मकान अथवा व्यवसायिक भवन निर्माण हेतु मानचित्र या नक्शा स्वीकृत करने के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद लाभदायक है।

आपको बता दें कि अब उत्तर प्रदेश में मकान और दुकान का नक्शा पास करने के नियमावली में सरकार ने बड़ा बदलाव किया है।

शासन स्तर से मानचित्र में स्वीकृत नियमावली में बदलाव

Uttar Pradesh News:अब निर्माण शुल्क जमा करने का समय सीमा निर्धारित कर दिया है एक माह के भीतर शुल्क नहीं जमा करने पर नक्शा स्वतः ही निरस्त हो जाएगा और सक्षम अधिकारियों द्वारा 15 दिन में आपत्ति व उसका निस्तारण करना होगा।


Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने आवासीय और व्यावसायिक भवन निर्माण करने के लिए मानचित्र स्वीकृत करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है शासन स्तर से मानचित्र की नियमावली में बदलाव करते हुए अब शुल्क को लेख जमा करने को लेकर आपत्तियों के निर्धारण निस्तारण के लिए भी समय सीमा निर्धारित कर दी है।

अब आवेदन किए गए मानचित्र पर प्राधिकरण से लगाई गई आपत्ति का 15 दिन में निस्तारण करना होगा और मानचित्र हेतु निर्धारित शुल्क भी एक माह के भीतर जमा करना होगा।

अब तक इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित नहीं थी जिसके चलते मानचित्र पास करने वालों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था और मानचित्र मीना लंबित पड़े रहते थे आपको बता दें कि किसी भी शहर अथवा प्राधिकरण के संयोजित विकास की जिम्मेदारी प्राधिकरण की ही होती है।

अब किसी भी भवन निर्माण करने के लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है जिसके बाद प्राधिकरण के अलग-अलग पटलों पर इसकी बहन जांच होती है कोई आपत्ति लगने पर आवेदक को इनका निस्तारण करना होता है इसके बाद ही मानचित्र स्वीकृत करने का आदेश जारी कर संबंधित आवेदक को फीस जमा करने का निर्देश दिया जाता है।

मानचित्र स्वीकृति के बाद फीस जमा करने की निश्चित समय सीमा या अंतिम तिथि निर्धारित


Uttar Pradesh News:आपको जानकारी दे दूं कि उत्तर प्रदेश में अभी तक मानचित्र स्वीकृति के बाद फीस जमा करने की कोई निश्चित समय सीमा या अंतिम तिथि निर्धारित नहीं थी जिसके चलते महीना महीना या सालों तक मानचित्र लंबित पड़े रहते थे परंतु अब ऐसा नहीं संभव है क्योंकि अब नियमों में बदलाव कर दिया गया है।

आप आप पति निस्तारण के लिए भी 15 दिन की समय सीमा निर्धारित किया गया। अगर आर्किटेक्ट व आवेदक इस अवधि में निस्तारण नहीं करता है तो फिर स्वतः ही नक्शा निरस्त हो जाएगा। शासन स्तर से मानचित्र में स्वीकृत नियमावली में बदलाव हो करने से सबसे ज्यादा असर बिल्डरों पर आएगा क्योंकि बड़े बिल्डर किस्तों में मानचित्र स्वीकृत करने का शुल्क जमा करते हैं अब नई पॉलिसी के तहत एक महीने में पूरी फीस जमा करना होगा।

गेस्ट हाउस के नक्शे को पास करने के लिए मार्ग की चौड़ाई 12 मीटर होनी आवश्यक

Uttar Pradesh News:शासन स्तर से भवन निर्माण और विकास भी संशोधन किया गया है जिसके तहत गेस्ट हाउस के नक्शे को पास करने के लिए उसे 12 मीटर चौड़े मार्ग पर स्थित होना आवश्यक है इसके पहले गेस्ट हाउस कम से कम 22 मीटर चौड़े मार्ग पर ही स्वीकृत होते थे।
इस प्रकार मानचित्र निर्माण को लेकर सरकार काफी गंभीर है क्योंकि उसका मानना है कि अवैध भवनों का निर्माण होने पर अंकुश लगेगा वही नियमों में बदलाव करने से बिल्डरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

अब चाहे जो हो लेकिन उत्तर प्रदेश में बड़े शहर हो या प्राधिकरण उनके दायरे में मकान और व्यावसायिक भवन आदि का निर्माण करने के लिए नक्शा पास करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।

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