EPIC card news 2024:कैसे आया मतदाता पहचान पत्र (EPIC)का विचार? मतदाता पहचान पत्र कब से प्रयोग किया जा रहा है?

EPIC card news 2024:कैसे आया मतदाता पहचान पत्र (EPIC)का विचार? मतदाता पहचान पत्र कब से प्रयोग किया जा रहा है?

भारत निर्वाचन आयोग आजकल 18वीं लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोर-जोर से कर रहा है इसी बीच हमारे मन में यह प्रश्न उठा की मतदाता पहचान पत्र या एपिक कार्ड का सबसे पहले विचार कब आया इसी प्रश्न ने हमारे आज के इस लेख की पृष्ठभूमि तैयार कर दी।

क्या आपको पता है कि मतदाता पहचान पत्र कब से प्रयोग किया जा रहा है?

नहीं! न तो आज का हमारा यह लेख आपके काम का हो सकता है आईए हम आपको बताते हैं कि सबसे पहले मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कब विचार किया गया था?


मतदाता पहचान पत्र का इतिहास

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मतदाता पहचान पत्र के लिए सबसे पहली बार भारत के प्रथम सीईसी सुकुमार सेन द्वारा 1957 ईस्वी में किया गया था।

चुनाव आयोग ने 1962 लोकसभा चुनाव पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि 1957 के आम चुनाव के बाद धनी आबादी वाले शहरी क्षेत्र के सभी मतदाताओं को पहचान पत्र लागू किया जाना चाहिए।

मतदाता पहचान पत्र का पायलट प्रोजेक्ट असफल रहा

1957 ई में चुनाव आयोग को विशेष समिति ने करने का सुझाव दिया गया था। माना गया था कि इससे चुनाव के समय मतदाता की पहचान करने में मदद मिलेगी। बाद में इस पर पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया।

मतदाताओं के लिए फोटो पहचान पत्र जारी करने का पायलट प्रोजेक्ट 1960 में चलाया गया। मौका था कलकत्ता (दक्षिण पश्चिम) लोकसभा के उपचुनाव का। हालांकि, यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हुआ।

सभी पहलुओं पर सावधानी से विचार करने के बाद चुनाव आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि मतदाता पहचान पत्र का सिस्टम बड़े पैमाने पर कलकत्ता या देश में कहीं भी लागू करना व्यावहारिक नहीं होगा।

असफल होने का प्रमुख कारण

संख्या में महिला मतदाताओं ने पुरुष या महिला फोटोग्राफर से फोटो खिंचवाने से मना कर दिया। बहुत से मतदाता मिले ही नहीं। ऐसे में 10 माह में सिर्फ 2.10 लाख पहचान पत्र ही जारी किए जा सके।

आज 18 से अधिक उम्र के लगभग सभी भर्तियों के पास मतदाता पहचान पत्र है। मतदान के अलावा दूसरी जगहों पर भी पहचान पत्र और पता एक के तौर पर काम आता है।

चुनाव में फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत 1993 में हुई, लेकिन इसे जारी करने का सुझाव पहली बार 1957 में दिया गया था। ये अलग बात है कि कई तरह की मुश्किलों और भारी खर्च के कारण इसे मतदाताओं तक पहुंचाने में तीन दशक से अधिक समय लगा।

2.13 लाख मतदाताओं की फोटो ही ली जा सकी थी कलकता के दक्षिण पश्चिम लोकसभा क्षेत्र में की मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत।

संसद विधेयक में किया गया प्रावधान

चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित किताब ‘लीप आफ फेथ’ के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, 1958 में फोटो पहचान पत्र जारी करने का प्रविधान गया था। भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के छोटे भाई और तत्कालीन कानून मंत्री अशोक कुमार सेन ने 27 नवंबर, 1958 को विधेयक संसद के निचले सदन में पेश किया। 30 दिसंबर, 1958 को यह विधेयक कानून बन गया।

और जो आधुनिक मतदाता पहचान पत्र जारी किया जा रहा है इसको भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 1993 में जारी किया गया था। मतदाता पहचान पत्र को मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन सेशन के कार्यकाल (1993) में पेश किया गया था ।

इस मतदाता पहचान पत्र के प्रयोग का उद्देश्य था कि मतदान प्रक्रिया को आसान बनाना, फर्जी मतदान को रोकना और असली मतदाताओं की पहचान सत्यापित करना था। साथ ही मतदाता पहचान पत्र के प्रयोग से भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्र में फोटो संलग्न पहचान पत्र जारी करने से मतदान के समय पहचान में काफी आसानी होती है।

तो लिए हम आपको बताते हैं कि मतदाता पहचान पत्र का काम क्या है इसे कहां-कहां उपयोग में लाया जा सकता है और वर्तमान में प्रयोग किया जा रहे आप कार्ड के बारे में आपको बताएंगे कि किस प्रकार आप इसे प्राप्त कर सकते हैं।

मतदाता पहचान पत्र का उपयोग

मतदाता पहचान पत्र का सबसे पहले उपयोग अपना मतदान करने के लिए पहचान के रूप में प्रयोग किया जाता है इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के सामान्य पहचान और पता आदि के प्रमाण में भी किया जाता है।

इसका उपयोग यात्रा दस्तावेज के रूप में भी किया जाता है आपको बता दें कि नेपाल और भूटान की यात्रा करने के लिए (भूमि अथवा वायु) आप मतदाता पहचान पत्र को यात्रा दस्तावेज के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं ।

मोबाइल फोन सिम कार्ड खरीदने के लिए इसे सामान्य पहचान के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

पासपोर्ट के आवेदन में इसे सामान्य पहचान पत्र, आयु, पता का प्रमाण आदि के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

आईए जानते हैं कौन किस प्रकार का प्रमाण है?

निवास प्रमाण पत्र

1.आधार कार्ड
2.पासपोर्ट
3.बैंक पासबुक या स्टेटमेंट
4.उपयोगिता बिल (गैस, पानी)
5.राशन कार्ड
6.रेंटल एग्रीमेंट

उम्र का सबूत

1.जन्म प्रमाणपत्र
2.10वीं कक्षा का प्रमाणपत्र
3.पासपोर्ट
4.पैन कार्ड
5.आधार कार्ड
6.चालक लाइसेंस
7.किसान कार्ड

सबूत की पहचान

1.पैन कार्ड
2.चालक लाइसेंस
3.पासपोर्ट की कॉपी
4.राशन कार्ड
5.आधार कार्ड
6.फोटो सहित बैंक पासबुक
7.छात्र आईडी कार्ड।

जानिए EPIC के बारे में।

वर्तमान एपिक कार्ड को वर्ष 1993 में जारी किया गया था लेकिन इसको वर्ष 2015 में पीबीसी रंग संस्करण(PVC colour version) की शुरुआत कर दिया जिसका ISO/IEC 7810 मानक द्वारा तैयार किया गया है।

भारत निर्वाचन आयोग ने 2021 में इलेक्ट्रॉनिक एपिक कार्ड की शुरूआत किया।

चुनाव आयोग ने 2021 में मतदाता पहचान पत्र का इलेक्ट्रानिक वर्जन (e-EPIC) लांच किया। यह मतदाता पहचान पत्र का सुरक्षित पीडीएफ वर्जन है। । इसे संपादित नहीं किया जा सकता है। इसे मोबाइल पर डाउनलोड करके स्टोर कर सकते हैं।

इसको आवेदक राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अथवा राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल एसपी की ऑफिशल वेबसाइटपर आवेदन कर प्राप्त कर सकते हैं साथ ही इसमें किसी भी प्रकार की समस्या अथवा पूछताछ के लिए टोल फ्री नंबर 1950 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

भारत निर्वाचन आयोग

https://www.eci.gov.in/

EPIC कार्ड या मतदाता पहचान पत्र के घटक

1.मतदाता का एक क्रमांक
2.मतदाता का फोटो
3.एक राज्य होलोग्राम
4.मतदाता का नाम
5.मतदाता के पिता का नाम
6.लिंग
7.कार्ड धारक की जन्मतिथि
8.मतदाता का पता
9.जारीकर्ता प्राधिकारी के हस्ताक्षर।

इस एपिक कार्ड में मतदाता का नाम मतदाता पहचान पत्र नंबर घर का पता साथ ही विधानसभा का नाम विधानसभा संख्या और भाग संख्या का उल्लेख रहता है।

एपिक कार्ड को 18 वर्ष से अधिक सभी भारतीय नागरिकों को जारी किया जाता है, इसे ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर प्राप्त किया जा सकता है।

ऑफलाइन आवेदन करने के लिए मतदाता को बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ को फॉर्म 6 भर कर जमा करना होगा ।

इसके पश्चात मतदाता पहचान पत्र उसे मतदाता के द्वारा दिए गए पते पर डाक द्वारा भेज दिया जाएगा।

क्या आपको पता है ?

मतदान की आयु 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष कब किया गया था?

चलो हम आपको बताते हैं मतदान अधिकार अधिनियम 1965 के द्वारा किसी भारतीय वयस्क नागरिक कि मतदान की आयु 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष कर दिया गया था।

निष्कर्ष:

आशा करते हैं कि आप इस लेख/ आर्टिकल “EPIC card news 2024:कैसे आया मतदाता पहचान पत्र (EPIC)का विचार? मतदाता पहचान पत्र कब से प्रयोग किया जा रहा है?” को पढ़कर काफी लाभान्वित हुए होंगे। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों से भी शेयर कर सकते हैं अगर किसी तरह का कोई संदेह प्रश्न है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं। जहां तक संभव होगा मैं आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करूंगा।

डिसक्लेमर:

‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

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