Out of school students training 2024:आउट ऑफ स्कूल बच्चे कौन हैं? जानिए चिन्हांकन, आयुसंगत कक्षा में नामांकन एवं विशेष प्रशिक्षण के बारे में

Out of school students training 2024:आउट ऑफ स्कूल बच्चे कौन हैं? जानिए चिन्हांकन, आयुसंगत कक्षा में नामांकन एवं विशेष प्रशिक्षण के बारे में

आउट ऑफ स्कूल बच्चे कौन हैं?

07 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के

ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में कभी भी नामांकन नहीं,

ऐसे बच्चे जिन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूरी किये बिना विद्यालय छोड़ दिया अर्थात ड्राप आउट,

पूर्व सूचना के बिना विद्यालय से निरन्तर 45 दिन या उससे अधिक अवधि तक अनुपस्थित।

बच्चों के चिन्हीकरण की रणनीतिः हाउस होल्ड सर्वे

शहरी क्षेत्रों में सर्वे

. नगर निगम / पालिका/ पालिका/परिषद्/ पंचायत के अधिकारियों एवं जनपद में काम करने वाली गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ बैठक कर असेवित बस्तियों की मैपिंग

  • शहरी क्षेत्रों की असेवित बस्तियों, मार्केट क्षेत्र, रेलवे स्टेशन, बस टैक्सी स्टैंड, रेलवे ट्रैक के किनारे बनी झुग्गी झोपड़ी, नाले/नदी के किनारे बनी बस्तियों में चिन्हीकरण हेतु सर्वे में गैर- सरकारी संस्थाओं, नागरिक सुरक्षा संगठन, नेहरु युवा केंद्र, एन. एस. एस. एवं स्काउट गाइड के कार्यकर्ताओं का सहयोग

डायट एवं समस्त निजी बी0टी0सी0 संस्थानों में प्रशिक्षणरत बी०टी०सी०/डी0एल0एड0 प्रशिक्षु को शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वे में सम्मलित करना

  • ईट भट्टे, कंस्ट्रक्शन साईट, खदानों में काम करने वाले मौसमी पलायन (Migration) से प्रभावित परिवारों के बच्चों का सर्वे पंचायती राज विभाग, समाज कल्याण व श्रम विभाग का सहयोग

पलायन (Migration) से प्रभावित परिवारों के बच्चों माइग्रेशन सर्टिफिकेट

चिन्हांकन, आयुसंगत कक्षा में नामांकन एवं विशेष प्रशिक्षण

  • परिवार सर्वे में चिन्हित बच्चों का आयुसंगत कक्षा में नामांकन,

आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों की एंट्री शारदा एप्प के माध्यम से कराना

  • नामांकित आउट ऑफ स्कूल बच्चों का प्रारम्भिक मूल्यांकन (बेसलाइन असेस्मेंट),
  • बेसलाइन असेस्मेंट के आधार पर नोडल शिक्षक द्वारा शिक्षण योजना तैयार करना,

कक्षा के अनुरूप अधिगम स्तर तक लाने हेतु “शारदा संघनित पाठ्यक्रम” के आधार पर 9 माह का विशेष प्रशिक्षण

‘शारदा कार्यक्रम’ (SHARDA – स्कूल हर दिन आयें)

  • बच्चों के अधिगम स्तर का नियमित त्रैमासिक मूल्यांकन
  • बच्चों की मासिक उपस्थिति एप्प पर अपडेट कराना

आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता क्यों?(उद्देश्य)

बच्चों को शिक्षा कि मुख्या धारा से जोड़ना

Sharda App एवं Sharda Portal

बी.ई.ओ. स्तर से शारदा पोर्टल से प्रत्येक विद्यालय में Out of school Children (OoSC) के प्रबंधन हेतु एक नोडल अध्यापक आवंटित किया है

√आवंटित नोडल अध्यापक द्वारा शारदा एप्प का प्रयोग किया जायेगा

✓ OOSC बच्चों के चिन्हांकन एवं नामांकन के विवरण को अपलोड करने की सुविधा

✓ आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों के प्रारंभिक मूल्यांकन करने की सुविधा

✓ आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों के अधिगम स्तर में क्रमिक वृद्धि हेतु त्रैमासिक मूल्यांकन की सुविधा

✓ आउट ऑफ़ स्कूल की उपस्थिति का विवरण अपलोड करने की सुविधा

पलायन करने वाले परिवारों के बच्चों को शारदा एप्प के माध्यम से माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्रदान करने की सुविधा

आउट ऑफ बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक ट्रैकिंग की सुविधा

पोर्टल पर आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों का डाटा उपलब्ध

ग्राम प्रधान / वार्ड मेम्बर एवं एस.एम.सी. सदस्य से सहयोग/अपेक्षाएं

7-14 वर्ष के नामांकित आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन एवं आयु के अनुसार कक्षा में नामांकन

विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में नामांकित बच्चों को विशेष प्रशिक्षण का अनुश्रवण करना

अनियामित/अनुपस्थिति आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों के बारे में एस.एम.सी. के सदस्य एवं ग्राम प्रधान का सहयोग लेना

अनुपस्थिति बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित करना

बच्चों के अधिगम स्तर की प्रगति से एस.एम.सी. के सदस्य एवं अभिभावकों को अवगत कराना।

विशेष प्रशिक्षण : प्रशिक्षण साहित्य क्यों ?

भारतीय संसद द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 लागू किए जाने के बाद, अब 6-14 वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बालक को, प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक किसी आस-पास के विद्यालय में निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्राप्त हो गया है। हमारी राज्य सरकार ने इस संबंध में 27 जुलाई, 2011 को अपनी नियमावली जारी कर दी है।

विशेष प्रशिक्षण-

इस अधिनियम की धारा-4 कहती है कि, जहाँ 6 वर्ष से अधिक आयु के किसी बालक को किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया है या प्रवेश तो दिया गया है, किन्तु उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं की है, तो उसे उसकी आयु के अनुसार समुचित कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा, परन्तु जहाँ किसी बालक को, उसकी आयु के अनुसार समुचित कक्षा में प्रवेश दिया जाता है, वहाँ उसे अन्य बालकों के समान शैक्षिक स्तर तक लाने के लिए, ऐसी रीति और समय-सीमा के भीतर, जो निर्धारित (१ माह) की जाए, विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने का अधिकार है।

धारा 4 के अनुसार ही, इस अधिनियम के तहत, प्रारंभिक शिक्षा के लिए संगत कक्षा में प्रवेश प्राप्त कोई भी बालक, 14 वर्ष की आयु के पश्चात् भी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने का हकदार होगा।

इसका आशय यह हुआ कि शाला त्यागी बच्चे, गैर नामांकित बच्चों का प्रवेश आयु संगत कक्षा में होना ही है, क्योंकि यह हक उन्हें निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम दे रहा है।

ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि क्या ये बच्चे, सामान्य कक्षा के बच्चों के बराबर बौद्धिक स्तर व जरूरी कौशल पर साथ-साथ काम कर सकेंगे, क्या सामान्य कक्षा के बच्चों के साथ काम करने में मुश्किल नहीं आएगी, क्या शिक्षक इस तरह की मिली जुली कक्षा को नियोजित कर सकेंगे!

शायद नहीं! इसलिए निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार के अन्तर्गत ‘विशेष प्रशिक्षण’ की व्यवस्था की गयी है, ताकि ये बच्चे अलग बैठकर जरूरी बौद्धिक स्तर और कौशल पर काम करते हुए उस कक्षा के प्रारम्भिक स्तर तक पहुँच कर सामान्य कक्षा के बच्चों के साथ पढ़ सकें। इसी सन्दर्भ में ‘प्रशिक्षण साहित्य’ का विकास किया गया है। ताकि शिक्षक इस साहित्य की मदद से बच्चों की भाषायी क्षमताओं के विकास में सहायक हो सकें।

विशेष प्रशिक्षण सामग्री

देर से नामांकित होने वाले बच्चों के लिए, जिनकी आयु 11 से 14 वर्ष है, उनके लिए हिन्दी/ संस्कृत विषय की विशेष प्रशिक्षण सामग्रियों का निर्माण किया गया है। इसमें निम्नांकित तीन तरह की सामग्री सम्मिलित हैं-

(1) संघनित पाठ्यक्रम।

(2) बच्चों के लिए संघनित अधिगम-सामग्री।

(3) शिक्षक, प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण-सामग्री।

(1) संघनित पाठ्यक्रम

देर से नामांकित होने वाले तथा पढ़ाई को बीच में छोड़ देने वाले 11 से 14 वर्ष के बच्चों को हिन्दी तथा संस्कृत विषय में प्रशिक्षण हेतु इन विषयों के पाठ्यक्रम को इस प्रकार संघनित किया गया है-

आयु के अनुसार कक्षा 6 या 7वीं में प्रवेश हेतु कक्षा 1 से 7वीं तक के मूल पाठ्यक्रम को तथा 8वीं कक्षा में प्रवेश हेतु कक्षा 1 से 8वीं तक के मूल पाठ्यक्रम को विषयवार संघनित किया गया है।

(2) बच्चों के लिए संघनित अधिगम सामग्री-

संघनित पाठ्यक्रम को आधार मानकर हिन्दी तथा संस्कृत विषय हेतु (देर से नामांकित होने वाले तथा पढ़ाई को बीच में छोड़ देने वाले 11 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए) संघनित अधिगम सामग्री का निर्माण किया गया है। ये संघनित अधिगम सामग्री इस प्रकार हैं- – कक्षा 6,7 के लिए हिन्दी विषय संघनित सामग्री

  • कक्षा 6,7 के लिए संस्कृत विषय संघनित सामग्री

कक्षा 8 के लिए हिन्दी विषय संघनित सामग्री

  • कक्षा 8 के लिए संस्कृत विषय संघनित सामग्री

(3) शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सामग्री (विचार पत्रक और पाठ योजनाएँ)

विशेष प्रशिक्षण के संचालन एवं इससे जुड़े अन्य पहलुओं पर शिक्षकों की मदद हेतु अलग-अलग मुद्दों/विषय-वस्तु पर विचार पत्रक तैयार किए गए हैं। साथ ही इन विषयों पर कार्य करने के लिए पाठ योजनाएँ भी बनाई गई हैं। बच्चों के सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के लिए विस्तृत रूप में कार्य-योजनाएँ दी गई है। इस सामग्री के अंतिम भाग में ‘परिशिष्ट’ के रूप में बालोपयोगी कविताएँ और कहानियाँ संकलित कर रखी गई हैं।

इस सामग्री का उपयोग शिक्षण के दौरान शिक्षक अपनी कक्षा में करेंगे। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक प्रतिभागियों के साथ भी इसका उपयोग करेंगे।

प्रशिक्षक के लिए प्रशिक्षण सामग्री (सत्र योजनाएँ)-

इस सामग्री के अन्तर्गत अलग-अलग विषयों पर समझ एवं कौशल विकास को दृष्टिगत रखते हुए डेढ़-डेढ़ घंटे की सत्र योजनाएँ सम्मिलित की गई हैं। इन सत्र योजनाओं का उपयोग राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में राज्य हिन्दी संस्थान द्वारा किया जाएगा। इसी आधार पर अगले चरण में जिला/ब्लाकस्तर पर संचालित प्रशिक्षण के दौरान इन सत्र योजनाओं का उपयोग किया जाएगा। विशेष प्रशिक्षण की योजना विशेष प्रशिक्षण की योजना के संबंध में हम सबको इन बातों को जान लेना जरूरी है कि-

  • यह प्रशिक्षण कहाँ संचालित होगा?
  • एक प्रशिक्षण में अधिकतम कितने बच्चे सम्मिलित हो सकते हैं?
  • प्रशिक्षण को संचालित करने का दायित्व किसका होगा?
  • प्रशिक्षण की अवधि कितने माह की होगी?

पाठ्यक्रम की योजना (हिन्दी)

  • शुरूआती पन्द्रह दिनों तक मौखिक क्रियाकलापों पर काम किया जाएगा, ताकि बच्चों की मौखिक अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ सकें। वे नई शब्दावलियों से परिचित हो सकें और शब्दों/वाक्यों के अर्थ से परिचित हो सकें। विद्यालय में सीखने के सहज आनन्द का अनुभव कर सकें।
  • इसके लिए पाँच सत्र लगभग तीन-तीन दिन के रखे गए हैं।
  • अगले पैतालिस दिनों तक पठन व लेखन क्रियाकलापों पर जोर दिया गया है, जिनमें पठन पूर्व एवं लेखन पूर्व क्रियाकलापों के साथ वर्णमाला गीत, वर्ण, शब्द (अमात्रिक, मात्रिक) पहचान एवं उनके लेखन अभ्यासों को कराया जाएगा। हालांकि साथ-साथ कुछ मौखिक काम भी किए जा सकते हैं। यहाँ अपेक्षा यह है कि बच्चे पठन एवं लेखन संबंधी प्रारंभिक दक्षताओं को ठीक से हासिल कर सकें, जिससे अगले महीनों में पाठ्यपुस्तकों पर काम करना आसान व सहज हो जाएगा।

पाठ्यपुस्तक आधारित-

इस अवधि में बच्चे पाठ्यपुस्तक के पाठों पर क्रमबद्ध कार्य करेंगे। प्रत्येक पाठ में अनेक अभ्यास दिए गए हैं, बच्चे उन अभ्यासों पर गहराई और सघनता के साथ कार्य करें।

पाठ्यक्रम की योजना (संस्कृत)-

शुरूआती पन्द्रह दिन-

  • हिन्दी विषय में पैंतालिस दिनों तक काम करने के बाद ही बच्चे संस्कृत विषय पर कार्य करें।
  • जब हिन्दी में शब्दों (अमात्रिक, मात्रिक) के पठन, लेखन पर बच्चों का अधिकार स्थापित हो जाए, तब संस्कृत विषय में मौखिक क्रियाकलापों पर कार्य करें, इसमें मुख्य रूप से बालगीत, कविता, चित्र, चित्रकथा, कहानी, शिष्टाचार, संवाद आदि पर कार्य करना होगा, ताकि बच्चे संस्कृत विषय के प्रति रुचि बना सकें।
  • चार माह का कार्य पाठ्यपुस्तक आधारित।
  • हिन्दी विषय की तरह ही संस्कृत के पाठों पर बच्चे कार्य करेंगे।

मूल्यांकन-

विशेष प्रशिक्षण के निर्धारित समय-सीमा (9 माह) में बच्चे भाषायी दक्षताओं के लिए बहुत से क्रियाकलाप करेंगे। शिक्षक के लिए समय-समय पर यह जानना जरूरी होगा कि बच्चे कितना हासिल कर पाएँ? कहाँ-कहाँ मुश्किलें हैं? इस दौरान बच्चे की कहाँ और किस स्तर पर मदद की जानी है? इसके लिए प्रत्येक पाठ/इकाई के बाद निर्धारित दक्षताओं का मूल्यांकन किया जाएगा और अभिलेख तैयार कर मदद की योजना बनाकर काम किया जाएगा।

विशेष प्रशिक्षण का अनुश्रवण-

  • विद्यालय के प्रधानाध्यापक/संकुल प्रभारी समय-समय पर अनुश्रवण करेंगे और आ रही कठिनाइयों के संदर्भ में मदद करेंगे।
  • निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा 13 (6) के अन्तर्गत ‘जहाँ किसी बालक की आयु 6 वर्ष से अधिक है और उसे किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं मिला, वहाँ उनके आयु संगत अधिगम स्तर हेतु आवश्यकताओं का चिह्नांकन कर योजना तैयार करना और विशेष प्रशिक्षण के कार्यान्वयन का दायित्व विद्यालय प्रबंधन समिति का होगा।

प्रथम अध्याय- विशेष प्रशिक्षण क्या, क्यों?

द्वितीय अध्याय- भाषा शिक्षण क्या, क्यों, कैसे?

तृतीय अध्याय- मौखिक क्रियाकलाप

हिन्दी-

(क) वातावरण सृजन (ख) चित्र/चित्रकथा (ग) कविता (घ) कहानी (ङ) वर्णमाला गीत

संस्कृत-

(क) बालगीतम् (ख) चित्र पर बातचीत (ग) चित्रकथा (घ) कहानी (ङ) संवाद/सामान्य शिष्टाचार

चतुर्थ अध्याय- पठन दक्षता विकास

हिन्दी- पठन दक्षता (वर्ण पहचान)

संस्कृत- पठन दक्षता (अनुस्वार, हलन्त, विसर्ग)

पंचम अध्याय- लेखन दक्षता विकास

हिन्दी (क) लेखन पूर्व तैयारी (ख) वर्ण लेखन (ग) अमात्रिक शब्द

(घ) मात्रिक (अ….. ऊ) (ङ) मात्रिक (ए…. अः)

संस्कृत (क) लेखन दक्षता विकास (ख) शब्द बोध (ग) वाक्य बोध (घ) सर्वनाम प्रयोग

षष्ठम अध्याय- विधागत शिक्षण (विचार पत्रक एवं पाठ योजनाएँ)

(1) कहानी शिक्षण (क) किसान की होशियारी (ख) एकः कुत्र गतः

(2) कविता शिक्षण (क) घर (ख) वर्षा (ग) नीतिश्लोकः / सुभाषितानि

(3) निबन्ध शिक्षण (क) ओणम् (ख) जन्मदिनम्

सप्तम अध्याय- अन्य विधाएँ (विचार पत्रक एवं पाठ योजनाएँ)

(क) पत्र (ख) यात्रावृत्त (ग) एकांकी (घ) साक्षात्कार (ङ) व्यंग्य (च) संवाद (छ) आत्मकथा

अष्टम अध्याय- विशेष प्रशिक्षण भाषा में मूल्यांकन

आउट ऑफ स्कूल बच्चों की शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम

विषय – हिन्दी(प्राथमिक)

  1. परिवार
  2. बाग
  3. अक्षर ज्ञान
  4. अमात्रिक शब्द एवं वाक्य (तीन अक्षर तक)
  5. मात्राओं का ज्ञान
  6. श्रुति की समझदारी (कहानी)
  7. जाड़ा, गरमी और बरसात (कविता)
  8. त्योहार
  9. हमारे सहयोगी
  10. सिद्धार्थ और पक्षी
  11. अमात्रिक शब्द (चार अक्षर तक)
  12. र के विभिन्न रूप
  13. संयुक्ताक्षर
  14. विजयपथ (कहानी)
  15. अगर पेड़ भी चलते होते (कविता)
  16. बाढ
  17. हमारे पालतू पशु-पक्षी

विषय-गणित(प्राथमिक )

  1. संख्याएँ

2.जोड़

3.घटाना

  1. गुणा
  2. भाग
  3. मापन
  4. मुद्रा
  5. समय तथा कैलेण्डर
  6. आकार, पैटर्न एवं परिमाप

विषय-पर्यावरणीय अध्ययन(प्राथमिक)

  1. स्वच्छ रहे, स्वस्थ रहें

2 हमारा भोजन

  1. जल अनमोल है
  2. हमारा परिवार
  3. यातायात के साधन एवं नियम
  4. परिवेशीय पेड़-पौधे

ENGLISH (1-5)

  1. Recapitulation
  2. Fun with Letters
  3. The Magic Tree
  4. People Who Help Us
  5. Sheru: My Friend
  6. The Kind Gradener
  7. Dear Diary
  8. Let’s Go to the Fair
  9. The Zoo
  10. The Selfish Gaint
  11. The Lion’s Birthday Party
  12. The Brave Pakhi
  13. I Wish I Could
  14. Our Festivals
  15. Teaching of Prose
  16. Teaching of Poetry
  17. Teaching of Structure
  18. Teaching of Composition

विज्ञान (6- 8)

इकाई – 1 सजीव शरीर व स्वास्थ्य

अध्याय 1 सजीव तथा निर्जीव

अध्याय 2- पादप संरचना एवं वर्गीकरण

अध्याय 3- जीव जगत

अध्याय 4- जन्तुओं का वर्गीकरण एवं मानव शरीर

अध्याय 5- भोजन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता

इकाई – 2 रेशों से वस्त्र तक

इकाई 3 पादप कार्यिकी

इकाई 4 मानव संरचना एवं कार्यिकी

इकाई – 5 पौधे एवं जन्तुओं का महत्व

इकाई – 6 किशोरावस्था

इकाई – 7 दिव्यांगता

इकाई 8 फसल उत्पादन

रसायन विज्ञान(6-8)

इकाई – 1 वस्तु पदार्थ और पास-पड़ोस में होने वाले परिवर्तन

इकाई – 2 वस्तु पदार्थ और उसके गुण

इकाई – 3 परमाणु की संरचना

इकाई 3 वायु एवं जल

अध्याय 1- वायु

अध्याय 2- जल

इकाई – 4 कार्बन एवं उसके यौगिक

अध्याय 1 कार्बन एवं उसके यौगिक

अध्याय 2- खनिज एवं धातु

इकाई – 5 ऊर्जा एवं ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत

भौतिक विज्ञान (6- 8)

इकाई – 1 मापन

इकाई – 3 गति

इकाई – 2 बल तथा यन्त्र

इकाई – 3 कार्य और ऊर्जा

इकाई – 4 बल तथा दाब

इकाई – 5 विज्ञान और प्रौद्योगिकी

इकाई – 6 प्रकाश

इकाई – 7 ऊष्मा

इकाई – 8 ध्वनि

इकाई – 9 स्थिर विद्युत एवं विद्युत धारा

इकाई – 10 चुम्बकत्व

इकाई – 11 कम्प्यूटर

गणित (6-8)

इकाई – 1 संख्याएँ

संख्याओं और अंकों का बोध

जोड़ना, घटाना, गुणा तथा भाग

संख्याओं के विषय में कुछ और प्रगुण

लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्तक

भिन्न एवं दशमलव

परिमेय संख्याएँ

घातांक, वर्ग एवं वर्ग मूल

घन एवं घनमूल

इकाई – 2 मापन

दैनिक जीवन से सम्बन्धित मापन

इकाई – 3 वाणिज्य गणित

लाभ, हानि एवं साधारण ब्याज

ऐकिक नियम

प्रतिशत और उनके अनुप्रयोग

बट्टा एवं चक्रवृद्धि ब्याज

अनुपात, समानुपात, अनुलोम, तथा प्रतिलोम समानुपात

बैंकिंग

इकाई – 4 सांख्यिकी

आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण, चित्रारेख, वृत्त आरेख, समान्तर माध्य

इकाई – 5 बीजगणित

अंकों के स्थान पर बीजीय अक्षरों का उपयोग

बीजीय व्यंजक तथा उन पर मूल संख्याओं का प्रयोग

समीकरण (एक चर में)

बीजगणित व्यंजकों के गुणनखण्ड

इकाई -6 रेखागणित

आस पास की आकृतियाँ

प्रारम्भिक ज्यामिति

रेखाखण्ड, रेखा एवं किरण

कोण

रचनाएँ

त्रिभुज, चतुर्भुज एवं वृत्त

पाइथागोरस प्रमेय

पाइथागोरियन त्रिक

त्रिभुज के परिकेन्द्र, अन्तःकेन्द्र, लम्ब केन्द्र एवं एवं केन्द्रक

त्रिभुजों की समरूपता

वृत्तखण्ड

वृत्तखण्ड में बने कोणों के गुण

इकाई – 7 क्षेत्रामिति (मेंसुरेशन)

विभिन्न आकृतियों के परिमाप, क्षेत्रफल तथा आयतन

इकाई 8 सममितता

एक सममिति अखीय आकृतियाँ

प्रतिबिम्ब और सममितता

इकाई – 9 मानसिक अभ्यास

निर्धारित क्रम को आगे बढ़ाना

रिक्त स्थानों की संख्या और आकृति ढूँढ़ना

संख्या पहेली

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निष्कर्ष:

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