Pravasi Bhartiya Divas 2024 :प्रवासी भारतीय दिवस कब से मनाया जा रहा है?,जानें प्रवासी भारतीय दिवस(पीबीडी) का इतिहास, मनाने का उद्देश्य, महत्त्व,भारत की अर्थव्यवस्था में प्रवासी भारतीयों का योगदान।

Pravasi Bhartiya Divas 2024 :प्रवासी भारतीय दिवस कब से मनाया जा रहा है?,जानें प्रवासी भारतीय दिवस(पीबीडी) का इतिहास, मनाने का उद्देश्य, महत्त्व,भारत की अर्थव्यवस्था में प्रवासी भारतीयों का योगदान।

हमारे देश में अभी तक इतनी बेरोजगारी रही है कि सामान्य मनुष्य को अपना जीवन यापन करने के लिए अपना गांव अपना शहर अपना प्रदेश और देश छोड़कर अन्य जगहों पर जाकर जीवन यापन,व्यवसाय अथवा रोजगार करना पड़ता था जिसके कारण बहुत सारे लोग अच्छी तरह से व्यवस्थित रूप से धनार्जन करने लगे और कुछ लोग उसी देश में बस गए।

कुछ लोग वापस अपने घर आ गए, जो लोग दूसरे देश में व्यापार अथवा नौकरी करते-करते वहीं निवास बना लिया, रहने लगे ऐसे भारतीयों को प्रवासी भारतीय कहा जाने लगा। ऐसी स्थिति में वे लोग अगर किसी भी काम से भारत वापस आते हैं तो उन्हें प्रवासी भारतीय कहा जाने लगा।

सबसे पहले जानें कौन हैं विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रवासी भारतीय?

प्रवासी भारतीय उन लोगों को कहा जाता है जो भारत छोड़ कर दूसरे देशों में रह रहे है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार दुनियाभर के प्रवासी भारतीय को तीन भागों में बांटा गया है-

1- NRI (नॉन रेजिडेंट इंडियन): ऐसे भारतीय जो रोजगार या शिक्षा के लिए दूसरे देशों में जाते हैं और बाद में वहीं बस जाते हैं उसे एनआरआई कहा जाता है।

2- PIO (पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन): इनमें वो लोग शामिल हैं जो या तो भारत में पैदा हुए हो या उनका परिवार का नाता भारत से हो।

3- OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया): 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत के नागरिक रहे लोग जो अब विदेश में बस गए हैं उन्हे इस कैटेगरी में रखा गया है।

प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास का गांधी जी से क्या है संबंध?

दरअसल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका के नेटाल शहर में रहते थे उन्होंने 9 जनवरी 1915 को भारत में वापसी की और देश को आजाद कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई इसीलिए गांधी जी के भारत आगमन को ऐतिहासिक बनाने के लिए उसकी याद में 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के तौर पर चुना गया,इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।अब धीरे-धीरे यह उत्सव अपने बेहद रूप में आ गया और आज हर साल 9 जनवरी का दिन भारत में प्रवासी भारतीय दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

आपको बता दें कि महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से जब भारत वापस आए तो यहां आकर देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी इस दिन प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में विदेश में रहकर विशेष उपलब्धि हासिल कर भारत का मन और सम्मान को बढ़ाया है।

प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत कब हुई? प्रवासी भारतीय दिवस कितने दिनों पर मनाया जाता है?

आपको बता दें कि प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने की थी वर्ष 2002 में वाजपेई ने इस दिन को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की घोषणा की थी। सबसे पहले वर्ष 2003 में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया।हमारे देश में सरकार की तरफ से हर वर्ष एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाता है और उस दिन प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया जाता है। यह सम्मेलन वर्ष 2003 से मनाया जा रहा है लेकिन वर्ष 2015 में इसमें कुछ संशोधन किया गया और इसे अब हर 2 वर्ष पर मनाने का निर्णय लिया गया।

प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?

आपको बता दें कि प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का की कई उद्देश्य हो सकते हैं लेकिन उनमें से प्रमुख उद्देश्य विदेश में खास उपलब्धियां हासिल करने वाले भारतीयों को हमारे देश में सम्मानित और पुरष्कृत करना, भारतीय युवाओं को प्रवासी भारतीय से जोड़ना, निवेश के अवसर को बढ़ाना मुख्य उद्देश्य हो सकता है।

प्रवासी भारतीय समुदाय आसानी से लाभकारी गतिविधियों के लिए सरकार और देश के नागरिकों से जुड़ सके प्रवासी भारतीय देशवासियों के साथ बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना जिससे प्रवासी भारतीय मूल रूप से भारतीय जड़ से जुड़े रहें और भारतीयों का एक नेटवर्क स्थापित हो सके ऐसा मेरा मानना है।

आपको बता दें की दुनिया के 48 देश में फैले हैं प्रवासी भारतीय जिनके कारण देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम योगदान देते हैं।आंकड़ों की माने तो करीब दुनिया भर के 48 देशों में प्रवासी भारतीय फैले हुए हैं जिनकी जनसंख्या लगभग दो करोड़ से अधिक है। यह प्रवासी भारतीय, भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं ऐसे भारतीय विदेश में कमाई करके अपने देश में धन भेजने के मामले में भारतीय प्रवासी ही दुनिया भर में सबसे आगे हैं।

विश्व बैंक के अनुसार 2020 में दुनिया जब कोरोना की मार झेल रहा था उस समय भारत को 83 अरब डॉलर का रेमिटेंस प्राप्त हुआ था,वर्ष 2021 में यह बढ़कर 87 अरब डालर हो गया था तो कहीं ना कहीं यह भारतीयों के द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया गया।

आईए जानते हैं कितने ताकतवर हैं प्रवासी भारतीय?

आपको बता दें कि दुनियाभर में प्रवासी भारतीयों का काफी दबदबा रहा है, भारतीय मूल के 70 से ज्यादा नेता जिन्होंने दुनिया के अलग-अलग देशों के सर्वोच्च पदों को हासिल किया है। इनमें सर्वाधिक नौ बार मॉरिशस में भारतीय मूल के नेताओं ने राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री का पद संभाला है।

यह भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है,इनमें शिवसागर रामगुलाम सबसे पहले भारतीय मूल हैं। आपको जानकारी दे दूं कि शिवसागर रामगुलाम 14 साल तक मॉरिशस के प्रधानमंत्री रहे, इनके पिता भारतीय थे और कुशवाहा समाज से आते थे। 1968 से 1982 तक शिवसागर मॉरिशस के प्रधानमंत्री रहे।

इनके अलावा अनिरुद्ध जगन्नाथ पहले प्रधानमंत्री और बाद में राष्ट्रपति रहे वीरासामी रिंगादू,कसम उतीम, नवीन रामगुलाम कुशवाहा, कैलाश पुरयाग, अमीना गुरीब-फकीम, प्रविंदजगन्नाथ, पृथ्वीराज सिंह रूपुन भी मॉरिशस के प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति रह चुके हैं।

आज ताकतवर प्रवासी भारतीयों की बात की जाए तो सबसे बड़ा नाम ऋषि सुनक का है जो हाल ही में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बनें हैं, इनके बाद अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की हैं,इनके अलावा 40 देशों में 350 से ज्यादा सांसद भारतीय मूल के हैं।

भारत के विभिन्न स्थानों में अब तक सत्रह पीबीडी आयोजित किए जा चुके हैं

क्रम वर्ष कार्यक्रम का स्थान मुख्य अतिथि

  1. 2003 9-11 जनवरी, 2003 नई दिल्ली। सर अनिरुद्ध जगन्नाथ प्रधान मंत्री मॉरीशस।

2. 2004 9-11 जनवरी, 2004 नई दिल्ली। श्री भरत जगदेव, अध्यक्ष गुयाना

3. 2005 7-9 जनवरी, 2005 मुंबई। श्री जेआर अजोधिया, उपाध्यक्ष सूरीनाम

4. 2006 7-9 जनवरी, 2006 हैदराबाद। श्री अहमद कथराडा, राजनीतिक कार्यकर्ता और नेल्सन मंडेला के समकालीन दक्षिण अफ्रीका

5. 2007 7-9 जनवरी, 2007 नई दिल्ली। प्रो. एस. जयकुमार, उप. प्रधान मंत्री सिंगापुर।

6. 2008 7-9 जनवरी, 2008 नई दिल्ली। डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम, प्रधान मंत्री मॉरीशस।

7. 2009 7-9 जनवरी, 2009 चेन्नई। डॉ. रामदीन सार्डजो, उपाध्यक्ष सूरीनाम।

8. 2010 7-9 जनवरी, 2010 नई दिल्ली। डॉ. खालिद हमीद, अध्यक्ष, अल्फा अस्पताल समूह यूके।

9. 2011 7-9 जनवरी, 2011 नई दिल्ली। सर आनंद सत्यानंद, गवर्नर जनरल न्यूज़ीलैंड।

10. 2012 7-9 जनवरी, 2012 जयपुर। महामहिम सुश्री कमला प्रसाद बिसेसर त्रिनिदाद और टोबैगो।

11. 2013 7-9 जनवरी, 2013 कोच्चि। श्री राजकेश्वर पुरयाग, अध्यक्ष मॉरीशस।

12. 2014 7-9 जनवरी, 2014 नई दिल्ली। दातो श्री जी. पलानिवेल, संघीय प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण मंत्री मलेशिया।

13. 2015 7-9 जनवरी, 2015 गांधीनगर। गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री डोनाल्ड रबिंदरनाथ रामोतार गुयाना।

14. 2017 7-9 जनवरी, 2017 बेंगलुरु। डॉ. एंटोनियो कोस्टा, प्रधान मंत्री पुर्तगाल।

15. 2019 21-23 जनवरी, 2019 वाराणसी। श्री प्रविंद जुगनौथ, प्रधान मंत्री मॉरीशस।

16. 2021 9 जनवरी, 2021 आभासी। महामहिम श्री चंद्रिकाप्रसाद संतोखी, राष्ट्रपति सूरीनाम।

17. 2023 8-10 जनवरी,2023 इंदौर। गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली गुयाना।

अधिक जानकारी प्राप्त करें यहां से

प्रवासी भारतीय दिवस के बारे में विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर।

17 वां पीबीडी सम्मेलन 2023

17वां पीबीडी सम्मेलन 8-10 जनवरी, 2023 को इंदौर, मध्य प्रदेश में भागीदार राज्य के रूप में आयोजित किया गया था।

17वें पीबीडी का विषय था “प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार”।पीबीडी सम्मेलन का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि महामहिम डॉ. मोहम्मद इरफान अली की उपस्थिति में किया। गुयाना के सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति और विशिष्ट अतिथि, सूरीनाम गणराज्य के माननीय राष्ट्रपति महामहिम श्री चंद्रिका प्रसाद संतोखी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक कुल 74 विदेशी दौरा कर चुके हैं

आपको जानकारी दे दूं की पीएम इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 15 जून 2014 से 7 सितंबर 2023 तक लगभग 74 विदेशी दौरा कर चुके हैं जिनमें से पीएम मोदी भूटान, नेपाल, म्यांमार ,श्रीलंका, मॉरीशस, ब्राजील, जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, सिंगापुर, फ्रांस, जर्मनी,कनाडा, चीन, मंगोलिया, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, पाकिस्तान, आयरलैंड, ईरान , दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया का विदेशी दौरा कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इन विदेशी दौरा में वह कई बार तो एक से अधिक देश में रुके हैं और हर बार अपने दौरे पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उस देश के प्रवासी भारतीयों से निश्चित रूप से मिलते हैं। उनका हौसला अफजाई भी करते हैं और आपसी संस्कृतियों को साझा करते हैं तथा भारत में निवेश के लिए आह्वान करते हैं और हर संभव उस देश को मदद का आश्वासन भी देते हैं। यह उनकी विदेश नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि देश के विकास में हर संभव योगदान देने के लिए आगे आने की अपील भी प्रवासी भारतीयों से पीएम करते हैं।

पीएम के lakshdweep के दौरा के बारे में जानकारी प्राप्त करें

https://www.nandanews.com/lakshdweep-news-2024%e0%a4%aa%e0%a5%80%e0%a4%8f%e0%a4%ae-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a5%80%e0%a4%aa/

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