Qutar dispute retired neavy officer’s death penalty : कतर में पूर्व आठ भारतीय नौसैनिकों को फांसी की सजा जानिए पूरा मामला

 

Qutar dispute retired neavy officer’s  fasi: सबसे पहले कतर में आठ भारतीयों को फांसी की सजा सुनने का पूरा मामले जानते हैं, 26 अक्टूबर को 8 भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई , कतर द्वारा आठों भारतीय लोगों को फांसी की सजा सुनने के बाद पूरी दुनिया हैरान है कि दूसरे देश के लोगों को दूसरा देश कैसे फांसी की सजा सुना सकता है अब उन पर आरोप लगाया है कि यह कतर में रहकर इसराइल के लिए जासूसी कर रहे थे इसका भी कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि यह लोग जासूसी किए हैंl

दरअसल यह आठों भारतीय जो भारत की नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं, कतर की एक प्राइवेट कंपनी अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी और कंसलटिंग सर्विस के कर्मचारियों के रूप में काम कर रहे थे यह एक प्राइवेट कंपनी है जो कतर की सुरक्षा एजेंसियों को ट्रेनिंग और सर्विस देती थी l इस कंपनी में 75 भारतीय काम करते थे कंपनी में ज्यादातर पूर्व नौसैनिक ही थे अल दहरा ने इटली की सबमरीन खरीद में भी कंसलटिंग दिया था

कंपनी के मालिक का नाम खमीस अल अजमी है जो ओमान का नागरिक है खमीस अल अजमी रॉयल ओमान एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर रह चुका है खमीस अल अजमी को भी आठों भारतीयों के साथ गिरफ्तार किया गया था लेकिन उसे नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया आपको  बता दें कि अल जजीरा के अनुसार यह कंपनी मई 2023 में बंद हो गई थीl

इस पूरे मामले में देखा जाए तो कंपनी के मालिक को छोड़ दिया गया और आठों भारतीयों को निशाना बनाते हुए फांसी की सजा सुना दी गई जिसका ना तो कोर्ट में सुनवाई का कोई सबूत दिया गया ना ही कोई जासूसी के प्रमाण दिए गए और यह पूरी सुनवाई कोर्ट में गुपचुप तरीके से हुई l यह तो सरासर गलत है जब एक व्यक्ति  बच सकता है तो बाकी क्यों नहीं बच सकते यह पूरा मामला पिछले साल 2022 का हैl

यह मामला एक सालों से चल रहा है , लेकिन इजराइल का फिलिस्तीन के ऊपर हमले के बाद अचानक से आठों भारतीयों को फांसी की सजा सुनाकर भारतीय सरकार को हैरान कर दिया है अगस्त 2022 में सभी भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था महीनों तक हिरासत में रखा और कई अधिकारियों को तो अकेले कोठरी में रखा गया इन पर आरोप लगाया गया की कतर की सीक्रेट सबमरीन प्रोग्राम की जानकारी इसराइल को दे रहे थेl

सितंबर 2022 में जमानत के लिए याचिका दी गई जिसे खारिज कर दिया गया, मार्च 2023 में सभी भारतीयों को कोर्ट में पेश किया गया और जून में दूसरी बार सुनवाई हुई l अक्टूबर में भारतीय राजदूत ने इन आठों अधिकारियों से मुलाकात भी की थी,  3 अक्टूबर को कोर्ट में सातवीं बार सुनवाई हुई तथा 26 अक्टूबर को इन आठों भारतीयों को फांसी की सजा सुना दी गई l

इन अधिकारियों में कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी,कप्तान वीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर संजीव गुप्ता, सेलर राकेश गोपाकुमार, कमांडर नव तेज सिंह गिल और कैप्टन सुगनाकर पकाला शामिल है सभी अधिकारी यह भारतीय नेवी में कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं इनमें से तो कई को अवार्ड भी दिया गया है कमांडर पूर्ण तिवारी को अप्रवासी भारतीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल सम्मानित भी किया था.

भारत सरकार कतर के कोर्ट के फैसले की कॉपी का इंतजार कर रहा है और इस मामले में क्या हो सकता है इन सभी पक्षों पर विचार किया जा रहा है विदेश मंत्रालय का कहना है कि “हम परिवार के सदस्यों के साथ हैं और कानूनी टीम पूरी तरह संपर्क में है और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं , भारत इस पूरे मामले को कतर सरकार के समक्ष उठाने की भी तैयारी कर रहा है यह मामला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है तथा इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं” कुल मिलाकर यह कहा जाए कि भारत सरकार पूर्व से ही सक्रिय है हाथ पैर हाथ रखकर बैठी नहीं है


क्योंकि भारतीयों की सजा पर कतर में गुप्त तरीके से सुनवाई हुई है अगर कोई जासूसी हुई है तो उसका प्रमाण कोर्ट में प्रस्तुत करें कोर्ट की सुनवाई पर ज्यादा जानकारी नहीं दी गई अब कहां यह जा रहा है की कतार में जिस पत्रकार ने इस मामले को कवर किया उसे भी वहां से उठकर बाहर भेज दिया गयाl
अब आपको बता दें की कतार वही देश है जिसमें पिछले साल फुटबॉल विश्व कप हुआ था और भारत के भगोड़े आतंकी जाकिर नायक को कतर ने मंच प्रदान किया और बाकायदा आमंत्रित करके सम्मानित भी किया .

वहां पर फांसी आम बात है छोटी-छोटी बातों पर फांसी दे दी जाती है जैसे अगर किसी ने हत्या कर दी तो उसे फांसी की सजा, आतंकवाद फैलाया तो फांसी, दुष्कर्म किया तो फांसी, ड्रग की तस्करी की तो फांसी और यदि किसी ने गद्दारी की तो भी फांसी की सजा दी जाती है यदि किसी ने जासूसी किया तो भी फांसी इस्लाम छोड़कर अन्य धर्म अपना लिया किसी ने तो भी फांसी की सजा दी जाएगीl

https://nandanews.com/vladimir-putin-russian-president-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%82%e0%a4%b8-%e0%a4%95/

ईशनिंदा करने पर भी फांसी शादी के अलावा किसी से संबंध बनाने पर भी फांसी दी जाती है.कहा जाए तो यह हास्यास्पद नहीं होगा कि यह लोग फांसी की सजा जेब में लेकर घूमते हैं कतर में आरोपी को गोली मारकर या रस्सी से लटका कर फांसी दी जाती हैl

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी। Nandanews इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा।

Leave a comment